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KALIBANGA ANCIENT CIVILIZATION OF RAJASTHAN

KALIBANGA ANCIENT CIVILIZATION OF RAJASTHAN राजस्थान की प्राचीन सभ्यता कालीबंगा

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कालीबंगा

प्राचीन दृषद्वती और सरस्वती नदी घाटी (वर्तमान में घग्घर नदी का क्षेत्र) क्षेत्र में सैन्धव सभ्यता से भी प्राचीन कालीबंगा की सभ्यता विकसित हुई।

कालीबंगा सभ्यता स्थल राजस्थान में कहाँ स्थित है

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है।

कालीबंगा सभ्यता कालक्रम

कालीबंगा सभ्यता (KALIBANGAN CIVILIZATION) 4000 ईसा पूर्व से भी अधिक प्राचीन मानी जाती है।

कालीबंगा सभ्यता की खोज किसने की थी

अमलानन्द घोष ने सर्वप्रथम 1952 ई. में इसकी खोज की और तत्पश्चात् 1961 से 1964 ई. के मध्य श्री बी.बी. लाल, श्री बी.के. थापर एवं श्री एम.डी. खरे द्वारा भी यहाँ उत्खनन कार्य करवाया गया।

यहाँ उत्खनन पाँच स्तरों तक किया गया, जिसमें प्रथम एवं द्वितीय स्तर सिंधु सभ्यता से प्राचीन एवं तीसरा, चौथा एवं पाँचवाँ स्तर सिंधु सभ्यता के समकालीन माना जाता है।

कालीबंगा सुव्यवस्थित नगर योजना के अनुसार बसा हुआ था। पाँच से साढ़े पाँच मीटर तक चौड़ी एवं समकोण पर काटती सड़कें, सड़कों के किनारे नालियाँ आदि इसके विकास की परिचायक थी।

मकान बनाने में मिट्टी की ईंटों को धूप में पकाकर प्रयुक्त किया जाता था (ईंट पकाने के भट्टे के अवशेष नहीं मिले हैं) जिन पर गारे का पलस्तर किया जाता था। लेकिन नालियों एवं कुओं में पक्की ईंटों के अवशेष मिलते हैं।

कमरों के फर्श को चिकनी मिट्टी से लीपा जाता था। मकानों की छत बनाने के लिए लकड़ी की बल्लियों पर मिट्टी का लेप करके छत तैयार की जाती थी

मिट्टी के बर्तन

उत्खनन से प्राप्त मिट्टी के बर्तन एवं उनके अवशेष पतले और हल्के हैं तथा उनमें सुंदरता व सुडौलता का भी अभाव है, बर्तनों का रंग लाल है, जिन पर काली  व सफेद रंग की रेखाएँ खींची गई हैं।

बर्तनों पर फूल-पत्तियों के अलंकरण के साथ- साथ मछली, कछुए, बतख एवं हिरन की आकृतियाँ भी चित्रित की जाती थीं।

पशु- पक्षियों के स्वरूप वाले खिलौने, मिट्टी की मुहरें, चूड़ियाँ, काँच के मनके, ताँबे की चूड़ियाँ, औजार एवं तौल के बाद भी उत्खनन में मिले हैं।

कालीबंगा की लिपि

कालीबंगा की लिपि सिंधु लिपि के समान ही थी जिसे दायें से बायें लिखा जाता था।

मिट्टी के भाण्डों एवं मुहरों पर लिपि के अवशेष मिलते हैं। लेकिन इसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है।

जुते हुए खेत के साक्ष्य

कालीबंगा से जुते हुए खेत के साक्ष्य मिलते हैं। ऐसा अनुमान किया जाता है कि लोग एक ही खेत में दो फसलें उगाते थे।

कालीबंगा सभ्यता का अंत कैसे हुआ

यहाँ से भूकंप आने के प्राचीनतम साक्ष्य भी मिलते हैं, जिससे यहाँ की कालीबंगा सभ्यता का अंत हुआ।

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