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Multiple Bank Accounts Disadvantages

Multiple Bank Accounts Disadvantages:एक से अधिक बैंक अकाउंट रखने के 4 बड़े नुकसान |

 Multiple Bank Accounts Disadvantages:एक से अधिक बैंक अकाउंट रखने के 4 बड़े नुकसान |

एक से अधिक बैंक अकाउंट रखने के 4 बड़े नुकसान

Multiple Bank Accounts Disadvantages:बैंकिंग आज हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और UPI के दौर में कई लोगों के पास 2 से ज्यादा बैंक अकाउंट होना आम हो गया है। हालांकि, ज्यादा अकाउंट रखना हमेशा फायदेमंद नहीं होता। इसके कई नुकसान हैं, जो आपके फाइनेंशियल हेल्थ पर असर डाल सकते हैं।

1. Multiple Bank Accounts Disadvantages मिनिमम बैलेंस में फंस जाता है पैसा

हर बैंक अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए एक निश्चित मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी होता है। इससे आपका अच्छा-खासा पैसा बैंकों में फंसा रह जाता है, जिससे आप अन्य निवेश विकल्पों में ज्यादा रिटर्न पाने का मौका खो देते हैं।

2. बढ़ जाते हैं सर्विस चार्ज और मेंटेनेंस फीस

हर बैंक खाते के साथ जुड़ी होती हैं अलग-अलग सालाना मेंटेनेंस फीस, डेबिट कार्ड फीस और अन्य चार्जेस। ज्यादा खाते होने का मतलब है – ज्यादा खर्च, जो आपकी सेविंग को प्रभावित करता है।

3. क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर

अगर आपके पास निष्क्रिय या बैलेंस-रहित अकाउंट्स हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है। बैंक इन खातों की जानकारी सिबिल या अन्य क्रेडिट एजेंसियों को भेजते हैं, जिससे आपका स्कोर गिर सकता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

 4. Multiple Bank Accounts Disadvantages टैक्स भरने में बढ़ जाती है दिक्कत

एक से ज्यादा बैंक अकाउंट होने पर इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय सभी खातों की जानकारी देना जरूरी होता है। इससे डॉक्युमेंटेशन और अकाउंट स्टेटमेंट इकट्ठा करने में समय और ऊर्जा दोनों लगती है। यदि कोई जानकारी छूट जाती है, तो आप IT डिपार्टमेंट की नजर में आ सकते हैं।

Multiple Bank Accounts Disadvantages निष्कर्ष

अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं, तो जरूरी नहीं कि ये हमेशा फायदेमंद हों। बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग और टैक्स मैनेजमेंट के लिए जरूरी है कि आप गैर-ज़रूरी बैंक खातों को बंद करवा दें और सिर्फ उन्हीं का संचालन करें जो आपके रोज़ाना के लेन-देन में जरूरी हैं

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PAN Card 2.0

PAN Card 2.0: Eligibility, Key Benefits, Required Documents And How To Apply Online

PAN Card 2.0: पात्रता, लाभ, दस्तावेज़ और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया – पूरी जानकारी हिंदी में

पैन कार्ड 2.0 क्या है?

PAN Card 2.0: भारत सरकार ने पैन कार्ड को और अधिक सुरक्षित, डिजिटल और बहु कार्यात्मक बनाने के लिए पैन कार्ड 2.0 की शुरुआत की है। इस नए संस्करण का उद्देश्य पैन को एक यूनिवर्सल डिजिटल पहचानकर्ता के रूप में उपयोग करना है, जिससे सभी सरकारी और वित्तीय प्लेटफॉर्म पर आपकी पहचान आसानी से सत्यापित हो सके।

यह नया पैन कार्ड एक QR कोड, कागज़ रहित प्रोसेस, और बेहतर साइबर सुरक्षा से लैस होगा।

 पैन कार्ड 2.0 की मुख्य विशेषताएं

•             QR कोड आधारित प्रमाणीकरण

•             ई-पैन की सुविधा (मुफ़्त में उपलब्ध)

•             तेज़ प्रोसेसिंग और तुरंत जारी

•             कागज़ रहित और पर्यावरण के अनुकूल सिस्टम

•             एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ी सेवाएँ

•             डेटा सुरक्षा के लिए मज़बूत साइबर सुरक्षा

 मुख्य लाभ (Benefits of PAN 2.0)

•             धोखाधड़ी से सुरक्षा

•             तुरंत जारी ई-पैन कार्ड (PAN Card 2.0)

•             पर्यावरण संरक्षण – कोई पेपरवर्क नहीं

•             कम शुल्क या पूर्णतः मुफ़्त सेवाएँ

 PAN Card 2.0: पात्रता (Eligibility)

•             मौजूदा पैन धारक सीधे अपग्रेड कर सकते हैं

•             नए आवेदक जिनकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो

•             भारतीय नागरिक (NRI के लिए अलग प्रक्रिया हो सकती है)

 आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required)

1.            पहचान प्रमाण: आधार कार्ड / पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस / वोटर आईडी

2.            पता प्रमाण: बिजली बिल / बैंक स्टेटमेंट / राशन कार्ड आदि

3.            जन्म तिथि प्रमाण (DOB): जन्म प्रमाण पत्र / 10वीं की मार्कशीट / आधार कार्ड

How to Apply Online for PAN 2.0 ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

1.            NSDL या UTIITSL की वेबसाइट पर जाएँ

2.            “PAN 2.0” का विकल्प चुनें

3.            आवेदन फ़ॉर्म भरें

4.            आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें

5.            ई-पैन तुरंत प्राप्त करें या फिजिकल कॉपी के लिए मामूली शुल्क देकर ऑर्डर करें

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From July 1

From July 1: Aadhaar-PAN Rule, New Bank Charges, And Tax Deadline Extension Take Effect

From July 1:आधार-पैन नियम, नए बैंक शुल्क और कर की समय सीमा विस्तार लागू होंगे पैन कार्ड के लिए आधार हुआ अनिवार्य

From July 1: आधार-पैन नियम, नए बैंक शुल्क और कर की समय सीमा विस्तार लागू होंगे पैन कार्ड के लिए आधार हुआ अनिवार्य CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने 1 जुलाई 2025 से सभी नए पैन कार्ड आवेदन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता लागू कर दी है। पहले सिर्फ पहचान पत्र और जन्म प्रमाण पत्र पर्याप्त थे, लेकिन अब आधार सत्यापन जरूरी होगा। इस बदलाव का उद्देश्य कर अनुपालन बढ़ाना और डिजिटल प्रणाली को मजबूत बनाना है।

 ITR की नई डेडलाइन – 15.09.2025

आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा अब 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी गई है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि आखिरी समय की दिक्कतों से बचने के लिए जल्द फाइलिंग करें

 बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड शुल्क में बदलाव

 SBI कार्ड

  • 15 जुलाई से प्रीमियम कार्ड्स (Elite, Prime) पर हवाई दुर्घटना बीमा बंद
  • न्यूनतम देय राशि (MAD) की गणना में अब GST, EMI, शुल्क आदि भी शामिल होंगे

 HDFC बैंक

  • 1% शुल्क लगेगा इन पर:
    • ₹10,000+ वॉलेट रीलोड
    • ₹50,000+ यूटिलिटी बिल
    • ₹10,000+ गेमिंग खर्च
  • बीमा भुगतान पर दस हजार( 10,000) तक रिवॉर्ड प्वाइंट्स हर महीने

 ICICI बैंक

  • ATM, IMPS, और कैश ट्रांजैक्शन पर अब नई शुल्क नीति
  • सीमित फ्री लेन-देन के बाद अतिरिक्त चार्ज

परामर्श

इन बदलावों से आम उपयोगकर्ता की बैंकिंग और टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया प्रभावित होगी। समय पर तैयारी और जागरूकता बेहद जरूरी है।

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Major Changes Coming To GPay, Paytm, PhonePe From August 1

Major Changes Coming To GPay, Paytm, PhonePe From August 1: Here’s What’s New

Major Changes Coming To GPay, Paytm, PhonePe From August 1:यहाँ नया क्या है

Major Changes Coming To GPay, Paytm, PhonePe From August 1: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 अगस्त 2025 से GPay, PhonePe, Paytm और अन्य UPI ऐप्स के लिए नए API उपयोग नियम लागू करने का फैसला किया है। इन बदलावों का उद्देश्य बढ़ती UPI ट्रैफिक, API ओवरलोड और सर्वर डाउनटाइम की समस्या को नियंत्रित करना है।

जानिए क्या है नया?

NPCI ने सभी बैंकों और पेमेंट ऐप को निर्देश दिए हैं कि वे 31 जुलाई तक इन नियमों को अपनाएं, वरना जुर्माना, ऑनबोर्डिंग निलंबन, या सेवाएं सीमित की जा सकती हैं।

1. बैलेंस चेक लिमिट

अब प्रति UPI ऐप अधिकतम 50 बैलेंस चेक की अनुमति!
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के नए नियम के अनुसार, UPI यूज़र्स अब हर UPI ऐप (जैसे GPay, PhonePe, Paytm आदि) पर एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे।

क्या मतलब है इसका?
यदि आप GPay और PhonePe दोनों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप:

  • GPay पर 50 बार
  • PhonePe पर 50 बार

यानि कुल 100 बार बैलेंस चेक कर सकते हैं — लेकिन हर ऐप पर 50 की सीमा रहेगी।

Major Changes Coming To GPay, Paytm, PhonePe From August 1

यह बदलाव क्यों?
यह सीमाएं NPCI द्वारा नेटवर्क पर अनावश्यक लोड को कम करने और सिस्टम की दक्षता बनाए रखने के लिए लागू की गई हैं।


लक्ष्य: बार-बार API कॉल से सर्वर स्लो होने से बचाव।

2. ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक लिमिट

यदि कोई भुगतान अटक गया है, तो उपयोगकर्ता केवल तीन बार, और वो भी 90 सेकंड के अंतराल से, उसकी स्थिति की जांच कर सकेगा।
 लक्ष्य: बार-बार चेक करने से सर्वर पर लोड कम किया जा सके।

 3. खाता सूची एक्सेस लिमिट

अब उपयोगकर्ता किसी मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खातों की जानकारी प्रति ऐप 25 बार/दिन से अधिक नहीं देख सकेंगे। यह तभी काम करेगा जब यूजर किसी बैंक को चुनकर सहमति देगा।
लक्ष्य: अनावश्यक अनुरोधों से सिस्टम लोड कम करना।

4. ऑटोपे के लिए निश्चित समय

UPI ऑटोपे फीचर केवल गैर-पीक घंटों में ही काम करेगा:

  • सुबह 10 बजे से पहले
  • दोपहर 1 बजे से 5 बजे
  • रात 9:30 बजे के बाद

लक्ष्य: ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग को पीक समय में धीमा होने से बचाना।

 5. ऑटोपे मैंडेट रिट्राई

अब कोई भी ऑटोपे मैंडेट 1 बार प्रयास और अधिकतम 3 रिट्राई के भीतर ही पूरा किया जाएगा।
लक्ष्य: ट्रांजेक्शन विफलता दर को कम करना।

6. बैलेंस अपडेट वाली नोटिफिकेशन

हर ट्रांजेक्शन के बाद आने वाले SMS या ऐप नोटिफिकेशन में बैलेंस अपडेट दिखाना अनिवार्य होगा।
लक्ष्य: उपयोगकर्ताओं को अलग से बैलेंस चेक करने की ज़रूरत न पड़े।

इन बदलावों की ज़रूरत क्यों पड़ी?

भारत में होने वाले 80% से अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन UPI के माध्यम से होते हैं। बार-बार होने वाली सिस्टम विफलताएं, UPI आउटेज, और API थ्रॉटलिंग से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।

 नियमों को समझना

यदि आप Google Pay, PhonePe, Paytm या किसी भी UPI ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो 1 अगस्त से पहले इन नए नियमों को समझना और अपनाना जरूरी है। इससे न सिर्फ आपका अनुभव बेहतर होगा बल्कि सिस्टम भी ज्यादा स्थिर और तेज़ रहेगा।

 आप क्या कर सकते हैं?

  • बार-बार बैलेंस चेक करने से बचें
  • ट्रांजेक्शन स्टेटस केवल आवश्यक होने पर ही चेक करें
  • ऐप अपडेट रखें और नए नोटिफिकेशन/बैलेंस फीचर पर ध्यान दें

एनपीसीआई ने स्पष्ट किया है कि ये उपाय अनावश्यक जांच के कारण यूपीआई सर्वर की आउटेज, विफलताओं और डाउनटाइम को कम करने के लिए किए गए हैं। दिशा-निर्देशों की पूरी सूची यहाँ देखें। Click Here

यह जानकारी उपयोगी लगी? तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वे भी इस बदलाव से अपडेट रहें और लिमिट क्रॉस करने से बच सकें।

 UPI यूज़ करते हैं? अपडेट ज़रूरी है!

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